सुप्रीम कोर्ट ने अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की शक्ति और गैर-मुस्लिमों को केंद्रीय वक्फ में शामिल करना शामिल है। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई गुरुवार (17 अप्रैल, 2025) को दोपहर 2 बजे जारी रहेगी, इससे पहले बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को सुनवाई स्थगित कर दी गई थी, जो सुनवाई का पहला दिन था। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अधिनियम के प्रावधानों पर सवाल उठाए। करीब 100 याचिकाओं की दो घंटे की सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने 2025 अधिनियम को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा को “बहुत परेशान करने वाला” बताया। ‘बड़ी समस्या’ होगी शीर्ष अदालत ने अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने का भी प्रस्ताव रखा, जिसमें अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को डिनोटिफाई करने की शक्ति और केंद्रीय वक्फ परिषदों और बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना शामिल है। इस मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच कर रही है, जिसमें जस्टिस संजय कुमार और के.वी. विश्वनाथन शामिल हैं यह भी पढ़ें: वक्फ (संशोधन) विधेयक | द हिंदू से विश्लेषण और व्याख्या यह विधेयक 3 अप्रैल, 2025 को लोकसभा में पारित हुआ, जिसमें 288 सदस्यों ने इसका समर्थन किया और 232 ने इसका विरोध किया, और 4 अप्रैल 2025 को राज्यसभा में पारित हुआ, जिसमें 128 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 95 ने इसके विरोध में मतदान किया।