मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मामले की विस्तृत जाँच और प्रभावी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
राजस्थान सरकार ने राज्य औषधि नियंत्रक को निलंबित कर दिया है और जयपुर स्थित कंपनी केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित दवाओं का वितरण रोक दिया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अगले आदेश तक केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित सभी 19 दवाओं की आपूर्ति रोक दी है। डेक्सट्रोमेथॉर्फन युक्त अन्य सभी कफ सिरप का वितरण भी रोक दिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों की मौत के मामलों का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें निर्देश दिया गया कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न दी जाएं. इसके अलावा राजस्थान में बच्चों में बीमारी और मौत का कारण बनने वाली खांसी की दवा सरकारी जांच सुरक्षित पाई गई. अपने विभाग का बचाव करते हुए स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कहा, ‘हमने नमूनों की जांच कराई. दवाइयों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई. जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों को दवाइयां दीं, वे दवाएं सरकारी डॉक्टर द्वारा परामर्श में नहीं लिखी गई थीं. अगर माता-पिता ने बच्चों को कोई दवा दी है, तो इसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई गलती नहीं है.’