केंद्र के निर्देश को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है: जहां एक वर्ग का कहना है कि आयात रुकने से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो सकती है, वहीं दूसरे वर्ग का कहना है कि इससे घरेलू विनिर्माण और बिक्री को बढ़ावा मिलेगा।
आयातित पूर्व-स्वामित्व वाले और नवीनीकृत चिकित्सा उपकरणों के लिए ₹1,500 करोड़ के भारतीय बाजार को विनियमित करने की मांग करते हुए, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ऐसे उपकरणों के लिए एक विनियमन स्थापित होने तक आयात रोक दिया है। बंदरगाहों पर मौजूद नवीनीकृत उपकरणों वाली कोई भी खेप फिलहाल जारी नहीं की जाएगी। यह निर्देश प्रधान सीमा शुल्क आयुक्त को 10 जनवरी को लिखे एक पत्र के बाद आया है, जहां सीडीएससीओ ने स्पष्ट किया था कि नवीनीकृत चिकित्सा उपकरणों को बिक्री और वितरण के लिए देश में आयात नहीं किया जा सकता है, क्योंकि चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 के तहत ऐसे उपकरणों के लिए कोई विशिष्ट विनियमन नहीं है। .