राहुल गांधी ने कहा कि सरकार और विपक्ष को आपसी लड़ाई छोड़कर ऐसे अहम मुद्दों पर साथ काम करना चाहिए, जिन पर अक्सर बहस के दौरान सिर्फ आरोप-प्रतिवारोप ही होते हैं.
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रस्ताव रखा कि संसद शहरों में एयर पॉल्यूशन के मुद्दे पर बहस करे और इसमें आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति न हो, बल्कि हल निकालने पर ध्यान देने वाला द्विदलीय तरीका अपनाया जाए.
जीरो आवर के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि भारत के ज़्यादातर शहर ज़हरीली हवा की चादर में ढके हुए हैं, जिससे लाखों बच्चे और बुज़ुर्ग परेशान हैं, जिनमें से कई “कैंसर” जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका “भविष्य बर्बाद हो रहा है”.
उन्होंने कहा, “मुझे पूरा यकीन है कि सरकार और हम (विपक्ष) इस मुद्दे पर पूरी तरह एकमत होंगे. यह कोई वैचारिक मुद्दा नहीं है. इस सदन में हर कोई मानेगा कि एयर पॉल्यूशन और इससे लोगों को हो रहा नुकसान ऐसा विषय है जिस पर हमें मिलकर काम करना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर एयर पॉल्यूशन खत्म करने की योजना बनाना ज़रूरी है और विपक्ष इसमें पूरी तरह सहयोग देगा.
राहुल गांधी ने कहा, “आजकल बहुत कम मुद्दे हैं जिन पर सरकार और विपक्ष, पूरा विपक्ष, एकमत हो…सब कहते हैं सरकार और विपक्ष हर समय लड़ते रहते हैं. यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर हम देश को दिखा सकते हैं कि हम मिलकर गंभीर समस्या को हल करने की योजना बना सकते हैं और साथ काम कर सकते हैं.”
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के सुझाव का स्वागत किया और कहा कि यह मुद्दा सरकार और विपक्ष दोनों के सांसद पहले ही बिज़नेस एडवाइजरी कमिटी की बैठकों में उठा चुके हैं, जो सदन का एजेंडा तय करती है.
रिजिजू ने कहा, “सरकार ने पहले दिन से यह साफ कर दिया है कि सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है और हर सदस्य के सुझावों को साथ लेकर समाधान निकालने के लिए भी तैयार है, जिसमें प्रमुख विपक्षी दल, राहुल गांधी के नेतृत्व में, भी शामिल है. हम इसपर लौटेंगे और देखेंगे कि चर्चा किस तरह से संरचित की जा सकती है, फिर हम यह विषय लेने के लिए तैयार रहेंगे.”
राहुल गांधी ने बार-बार यह ज़ोर दिया कि इस बहस में सरकार और विपक्ष की सामान्य नोक-झोंक न हो, “जहां हम आपको गालियां दे रहे हों और आप हमें.”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि अच्छा होगा अगर इस बहस का फ्रेम ऐसा हो कि हम यह न कहें कि आपने क्या नहीं किया और आप यह न कहें कि हमने क्या नहीं किया. बस हम यह कहें कि भारत के लोगों के लिए भविष्य में हम क्या करने वाले हैं. यह एक दिलचस्प प्रयोग होगा कि क्या इस बार हम आपको दोष देने और आप हमें दोष देने की जगह, एक ऐसे मुद्दे पर जहां हम सभी सहमत हैं, बिना किसी विवाद के सिर्फ भविष्य पर बात कर सकते हैं.”
कांग्रेस सांसद ने अंत में कहा कि इस चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर शहर के लिए एक व्यवस्थित और चरणबद्ध योजना बनानी चाहिए कि अगले पांच या दस सालों में यह समस्या कम से कम कैसे हो सकती है, चाहे पूरी तरह खत्म न भी हो सके.

