Close Menu
Jodhpur HeraldJodhpur Herald
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अंतर्राष्ट्रीय
    • ट्रेंडिंग न्यूज
    • राजनीति
    • कारोबार
    • क्राइम
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा/करियर
    • राजस्थान के जिले
      • अजमेर
      • अलवर
      • उदयपुर
      • कोटा
      • चित्तौड़गढ़
      • चुरु
      • जयपुर
      • जालौर
      • जैसलमेर
      • जोधपुर
      • झालावाड़
      • झुंझुनू
      • टोंक
      • डूंगरपुर
      • दौसा
      • धौलपुर
      • नागौर
      • पाली
      • प्रतापगढ़
      • बाड़मेर
      • बाराँ
      • बांसवाड़ा
      • बीकानेर
      • बूंदी
      • भरतपुर
      • भीलवाड़ा
      • राजसमंद
      • श्रीगंगानगर
      • सवाई माधोपुर
      • सिरोही
      • सीकर
      • हनुमानगढ़
    • संपादकीय
    What's Hot

    कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार को संसद के शीतकालीन सत्र में अनुच्छेद 15(5) को लागू करने के लिए कानून लाना चाहिए।

    September 5, 2025

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हमने भारत और रूस को ‘अंधेरे में धकेलने वाले चीन’ के हाथों ‘खो दिया है’।

    September 5, 2025

    भारत में बारिश LIVE: यमुना के बाढ़ के पानी से दिल्ली में कई घर जलमग्न; पंजाब में लगातार बारिश से राहत

    September 5, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Saturday, September 6
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    Jodhpur HeraldJodhpur Herald
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अंतर्राष्ट्रीय
    • ट्रेंडिंग न्यूज
    • राजनीति
    • कारोबार
    • क्राइम
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा/करियर
    • राजस्थान के जिले
      1. अजमेर
      2. अलवर
      3. उदयपुर
      4. कोटा
      5. चित्तौड़गढ़
      6. चुरु
      7. जयपुर
      8. जालौर
      9. जैसलमेर
      10. जोधपुर
      11. झालावाड़
      12. झुंझुनू
      13. टोंक
      14. डूंगरपुर
      15. दौसा
      16. धौलपुर
      17. नागौर
      18. पाली
      19. प्रतापगढ़
      20. बाड़मेर
      21. बाराँ
      22. बांसवाड़ा
      23. बीकानेर
      24. बूंदी
      25. भरतपुर
      26. भीलवाड़ा
      27. राजसमंद
      28. श्रीगंगानगर
      29. सवाई माधोपुर
      30. सिरोही
      31. सीकर
      32. हनुमानगढ़
      Featured

      जोधपुर नगर निगम को हाईकोर्ट की फटकार…

      August 25, 2025
      Recent

      जोधपुर नगर निगम को हाईकोर्ट की फटकार…

      August 25, 2025

      बाबा रामदेव का ‘महाकुंभ’ शुरू, 108 दीपों की गई महाआरती, दर्शन के लिए उमड़े लाखों भक्त

      August 25, 2025

      हिट एंड रन केस में कमिश्नर ने ASI को किया निलंबित, अभिभावकों को दी गई चेतावनी

      August 20, 2025
    • संपादकीय
    Jodhpur HeraldJodhpur Herald

    ‘वोटबंदी’ की नई साजिश, बिहार में चुनाव से पहले नागरिकता की तलाशी

    Jodhpur HeraldBy Jodhpur HeraldJuly 7, 2025

    भारी बारिश से क्या-क्या धुलेगा, क्या-क्या बहेगा, कहा नहीं जा सकता, लेकिन चुनाव आयोग के इस बरसाती अभियान कईओं की नागरिकता और वोट देने के अधिकार को ज़रूर बहा ले जाएगा!

    बिहार में इस साल के अंत में होने विधानसभा चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनर्रीक्षण की घोषणा की है. ये अभियान नोटबंदी और एनआरसी का मारक कॉकटेल जैसा है.

    चुनाव आयोग का दावा है कि वो नागरिकता परीक्षण नहीं कर रहा है बल्कि अर्हता परीक्षण कर रहा है. यह सिर्फ शब्दों का बाजीगरी है. प्रभावी तौर पर यह नागरिकता परीक्षण ही है, जिसमें बिहार के आधे से ज्यादा लोगों को धकेल दिया गया है.

    इसे नोटबंदी की ही तरह अचानक घोषित किया गया है, नोटबंदी को अचानक घोषित करने के पीछे तो तर्क दिया गया कि काले धन वालों को संभालने का मौका ना मिले इसलिए ऐसा किया गया है, लेकिन इस विशेष गहन पुनर्रीक्षण को अचानक, बिना राजनीतिक पार्टियों के साथ सलाह-मशविरे के क्यूं घोषित किया गया?

    निश्चित ही यह बिहार में वोटबंदी करने की कोशिश है.

    वैसे तो अब बिहार से यह खबर आई है कि ड्राफ्ट लिस्ट के स्तर पर दस्तावेज़ अनिवार्य नहीं हैं, लेकिन यह कदम असल संकट को सिर्फ टालने और लोगों को भ्रम में रखने की कोशिश भर है. असली चिंता यह है कि दस्तावेज़ की जो सूची तय की गई है, उसमें आसानी से उपलब्ध पहचान पत्रों को बाहर कर दिया गया है, जबकि हैरानी की बात है कि इसमें एनआरसी जैसे दस्तावेज़ को शामिल किया गया है, जो सिर्फ असम में ही लागू हुआ है, बिहार में तो इसका कोई वजूद ही नहीं है.

    बिहार में बड़े पैमाने पर लोग वोट के अधिकार से वंचित हो जाएंगे. बड़े पैमाने पर गरीब, महिलाएं, प्रवासी मजदूरों और बिहार के बाहर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं पर इसकी मार पड़ेगी. इन तबकों की संख्या लगभग डेढ़-दो करोड़ के करीब होगी, जिनको वोट देने के अधिकार से बेदखल कर दिया जाएगा.

    इस प्रक्रिया में जवाबदेही के सिद्धांत को पलट दिया गया है, इससे पहले यह होता था कि 18 साल का होने पर व्यक्ति वोटर बनने के लिए आवेदन करता था और उसमें घोषित करता था कि वो भारत का नागरिक है. अगर उसकी नागरिकता पर किसी तरह का सवाल या संदेह होता तो यह सिद्ध करने की ज़िम्मेदारी राज्य पर होती थी कि उक्त व्यक्ति नागरिक नहीं है, लेकिन अब वोटर को पहले यह सिद्ध करना है कि वह नागरिक है. न्यायिक प्रक्रिया में प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत है कि व्यक्ति तब तक निर्दोष है, जब तक कि वह दोषी सिद्ध नहीं हो जाता, लेकिन इस उसूल को यदि पलट कर ऐसा कर दिया जाए कि व्यक्ति तब तक दोषी है, जब तक कि वह स्वयं को निर्दोष नहीं सिद्ध कर लेता, तो न्यायशास्त्र में न्याय की समूची अवधारणा सिर के बल खड़ी हो जाएगी!

    वोटबंदी में नागरिकता सिद्ध करने की प्रक्रिया को ऐसे ही सिर के बल खड़ा कर दिया गया है. व्यक्ति की नागरिकता को संदेह की श्रेणी में डाला जा रहा है और उसे स्वयं को नागरिक सिद्ध कर, संदिग्ध श्रेणी से बाहर निकालना है और स्वयं को नागरिक सिद्ध करने के लिए जो दस्तावेज़ चुनाव आयोग द्वारा मांगे जा रहे हैं, वो दस्तावेज़ बिहार के अधिकांश लोगों के पास नहीं होंगे.

    आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज़, चुनाव आयोग के इस विशेष गहन पुनर्रीक्षण में मान्य दस्तावेजों की सूची में शामिल नहीं हैं. यही वह दस्तावेज़ हैं, जो सरकार द्वारा बनाए गए, वैध दस्तावेज़ हैं, जो बिहार में अधिसंख्य लोगों के पास होंगे. मैट्रिक का प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ बिहार में अधिसंख्य लोगों के पास नहीं होंगे तो उनका वोट के अधिकार से बेदखल किया जाना यानी उनकी वोटबंदी, चुनाव आयोग के इस अभियान के दस्तावेजों की घोषणा के साथ ही तय हो गई है.

    यह विशेष गहन पुनर्रीक्षण एक महीने में किया जाना है. बिहार से लगभग आधी आबादी में असम में जहां एनआरसी हुआ, वो छह साल में हुआ और तब भी उसमें ढेरों शिकायतें रह गई. बिहार की आठ करोड़ की आबादी के लिए चुनाव आयोग का यह अभियान एक महीने में पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया और वह भी जुलाई के मानसून के महीने में यह किया जाना है. भारी बारिश से क्या-क्या धुलेगा, क्या-क्या बहेगा, कहा नहीं जा सकता, लेकिन चुनाव आयोग के इस बरसाती अभियान कईओं की नागरिकता और वोट देने के अधिकार को ज़रूर बहा ले जाएगा!

    यह चर्चा आम है कि अंतिम बार 22 वर्ष पहले 2003 में मतदाता सूचियों का ऐसा विशेष गहन पुनर्रीक्षण हुआ था, लेकिन वर्तमान विशेष गहन पुनर्रीक्षण, अतीत में हुई ऐसी किसी भी कवायद से पूरी तरह भिन्न है. इसमें दस्तावेज़ की नई श्रेणी के आधार पर समूची मतदाता सूची का पुनर्निर्माण करने की कोशिश है.

    दुनिया के बहुतेरे मुल्कों में सार्वत्रिक मताधिकार यानि सबका वोट देने का अधिकार मिलने में बहुत वक्त लगा. अमेरिका में ही काले लोगों को 1960 के दशक तक वोट देने का अधिकार नहीं मिल पाया था. महिलाएं, घुमंतू कबीले या संपत्तिहीन , लंबे अरसे तक वोट देने के अधिकार से वंचित रहे. भारत में आजादी के साथ ही बिना भेदभाव के, सबको वोट देने का अधिकार मिल गया, जिसको डॉ.अंबेडकर ने “एक व्यक्ति-एक वोट-एक मूल्य” के रूप में व्याख्यायित किया. यह भारत के लोकतंत्र में लोगों को हासिल एक महत्वपूर्ण अधिकार है, लेकिन अब कई तरह के दस्तावेज़ मांगने की आड़ में जो किया जा रहा है, वह सार्वत्रिक मताधिकार का, सीमित और चुनिंदा मताधिकार में क्षरण करने की कोशिश है. यह लोकतंत्र को ही खंडित करने वाला कदम है.

    चुनाव आयोग का दावा है कि वो नागरिकता के मामले में दखल नहीं दे रहे हैं, लेकिन अगर व्यक्ति का मतदाता सूची से नाम हट जाए तो धीरे-धीरे वो और अभी अधिकारों से वंचित कर दिया जाएगा. इसका अर्थ यह है कि देश में नागरिकों का ऐसा समूह बनेगा, जो मताधिकार से वंचित है यानी दोयम दर्जे के नागरिक में तब्दील कर दिया गया है. यही फासीवाद है कि देश में एक हिस्से को असुरक्षित, शक्तिहीन, दोयम दर्जे के नागरिक में तब्दील किया जाए. उसी के लिए यह रास्ता बनाया जा रहा है, जिसकी गाज गरीबों, प्रवासी मजदूरों और अल्पसंख्यकों पर गिरेगी.

    बिहार पर जब इतना बड़ा हमला हो रहा है, बिहार के लोगों का मताधिकार खतरे में, तब सत्ताधारी एनडीए और भाजपा की चुप्पी सवालों के घेरे में है. इसका साफ अर्थ है कि इनको सिर्फ वोट से मतलब है, वोटर की सुरक्षा और अधिकार से इनका कोई सरोकार नहीं है.

    बिहार के लोगों के मताधिकार और नागरिकता पर यह सर्जिकल स्ट्राइक बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है. वोटबंदी के इस अभियान को तत्काल वापस लिया जाए और सामान्य तौर पर पुनर्रीक्षित मतदाता सूची के आधार पर ही बिहार का चुनाव करवाया जाना चाहिए.

    Post Views: 44

    Related Posts

    चीन अब भारत के लिए और भी ज्यादा अहम होगा, लेकिन अमेरिका-विरोधी एकता अभी जल्दबाज़ी होगी

    September 5, 2025

    ‘लोन के जाल’ में फंसी महिलाएं: प्राइवेट लेंडर्स से तंग – सुधार की मांग करते हुए AIDWA ने क्रेडिट के अधिकार को विकसित और सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की अपील की

    August 29, 2025

    कांग्रेस ने ‘यस मैन’ कहा, BJP की उम्मीद—विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जस्टिस रेड्डी के कई रंग

    August 23, 2025

    भारत की विदेश नीति डगमगा रही है — क्या हम राष्ट्रीय गौरव और नई ताकत के बीच संतुलन बना सकते हैं?

    August 21, 2025

    डायस्टोपियन वास्तविकताएँ

    August 18, 2025

    आज़ादी के 78 साल: राष्ट्र की प्रगति की स्मृति में कहानियों का संग्रह

    August 15, 2025
    -advertisement-
    Top Posts

    पूजा स्थल अधिनियम को दो साल पहले ही सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिली थी। इसे दोबारा क्यों देखें?

    December 5, 202474 Views

    पाली के देसूरी नाल हादसे में तीन स्कूली बच्चियों की मौत

    December 9, 20247 Views

    सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल अधिनियम की चुनौतियों पर सुनवाई के लिए सीजेआई की अध्यक्षता में विशेष पीठ का गठन किया

    December 7, 202422 Views
    -advertisement-
    Stay In Touch
    • Facebook
    • YouTube
    • Twitter
    • Instagram
    Recent News

    कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार को संसद के शीतकालीन सत्र में अनुच्छेद 15(5) को लागू करने के लिए कानून लाना चाहिए।

    September 5, 2025

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हमने भारत और रूस को ‘अंधेरे में धकेलने वाले चीन’ के हाथों ‘खो दिया है’।

    September 5, 2025

    भारत में बारिश LIVE: यमुना के बाढ़ के पानी से दिल्ली में कई घर जलमग्न; पंजाब में लगातार बारिश से राहत

    September 5, 2025
    Most Popular

    पूजा स्थल अधिनियम को दो साल पहले ही सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिली थी। इसे दोबारा क्यों देखें?

    December 5, 202474 Views

    पाली के देसूरी नाल हादसे में तीन स्कूली बच्चियों की मौत

    December 9, 20247 Views

    सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल अधिनियम की चुनौतियों पर सुनवाई के लिए सीजेआई की अध्यक्षता में विशेष पीठ का गठन किया

    December 7, 202422 Views
    Contact Us

    CHIEF EDITOR
    Hanuman Mandar

    ADDRESS
    Office No. 4 Opp. Jai Hind Bal Mandir School Jalori Gate Jodhpur 342001, Rajasthan

    CONTACT NO.
    0291-2640948

    EMAIL
    jodhpurherald@gmail.com

    WEB ADDRESS
    www.jodhpurherald.com

    © 2025 www.jodhpurherald.com. Designed by www.WizInfotech.com.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.