संविधान विशेषज्ञ पी.डी.टी. आचार्य के अनुसार, “ये नियम इस स्थिति में लागू नहीं होते और ये नियम मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के 30 दिन बाद तक लागू होते हैं।”
चुनावी कानून विशेषज्ञों के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में हेराफेरी के संबंध में शिकायत “शपथ लेकर” प्रस्तुत करने के लिए कहने पर भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की त्वरित प्रतिक्रिया इस स्थिति में निरर्थक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और बाद में महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा विपक्ष के नेता को शपथ या घोषणा के तहत अपनी शिकायत और उससे संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहने वाला नियम वर्तमान मामले में लागू नहीं होता और यह तभी मान्य है जब चुनाव से पहले मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के 30 दिनों के भीतर कोई शिकायत दर्ज की गई हो।