सूत्रों के अनुसार, सरकार द्वारा तीन संविधान संशोधन विधेयक पेश करने से पहले एनडीए के सहयोगियों को न तो सूचित किया गया और न ही उनसे परामर्श किया गया। इन विधेयकों का उद्देश्य गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ़्तार और हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाना है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के दो प्रमुख सहयोगी दलों, जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी ने तीन विधेयकों का समर्थन किया है, जिनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ़्तार और हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है। साथ ही, उन्होंने इन विधेयकों में “अस्पष्ट क्षेत्रों” को लेकर अपनी आपत्तियाँ भी व्यक्त कीं। सहयोगियों को उम्मीद थी कि संसद की संयुक्त समिति में विधेयकों की जाँच के दौरान उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा।