पीठ की यह टिप्पणी तब आई जब उसने अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादकीय निदेशक और अन्य पत्रकारों के खिलाफ मानहानि का मामला खारिज कर दिया, जिन पर कथित मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने का आरोप था।—
पीठ की यह टिप्पणी तब आई जब उसने अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादकीय निदेशक और अन्य पत्रकारों के खिलाफ मानहानि का मामला खारिज कर दिया, जिन पर बिड एंड हैमर – फाइन आर्ट नीलामीकर्ताओं द्वारा नीलाम की जाने वाली कुछ पेंटिंग की प्रामाणिकता पर कथित मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने का आरोप था। पीठ ने 18 फरवरी के अपने फैसले में कहा, “हम इस बात पर जोर देना जरूरी समझते हैं कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत प्रदत्त भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सर्वोपरि है। साथ ही, यह दोहराया जाता है कि मीडिया में काम करने वाले, विशेष रूप से प्रमुख पदों पर बैठे व्यक्तियों, लेखकों आदि को कोई भी बयान, समाचार या राय प्रकाशित करने से पहले अत्यधिक सावधानी और जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”