तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मछुआरों के मुद्दे को सुलझाने की तमिलनाडु की मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और दावा किया कि ऐसा लगता है कि उन्होंने श्रीलंका की अपनी हालिया यात्रा के दौरान कच्चातीवु द्वीप को वापस लाने का मुद्दा उसके समक्ष नहीं उठाया। स्टालिन ने विधानसभा में कहा कि मोदी ने तमिलनाडु के मछुआरों और उनकी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को रिहा कराने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया है। सदन में बयान देते हुए स्टालिन ने कहा, “इससे यही पता चलता है कि तमिलनाडु की कच्चातीवु को वापस लेने की मांग को नज़रअंदाज़ किया गया है। ऐसा नहीं लगता कि श्रीलंका गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मछुआरों की रिहाई का मुद्दा उठाया हो। स्टालिन ने कहा कि हालांकि केंद्र ने मछुआरों को ‘निराश’ किया है, लेकिन उनकी सरकार उनके कल्याण के लिए प्रयास जारी रखेगी और उन्होंने रामेश्वरम के थंगाचिमदम में मछली पकड़ने के बंदरगाह सहित कई योजनाओं की घोषणा की। पिछले हफ़्ते तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें केंद्र से कच्चातीवु द्वीप को वापस लेने का आग्रह किया गया था, जिसे भारत ने 1974 और 1976 में समझौतों के ज़रिए श्रीलंका को सौंप दिया था। यह तमिलनाडु के मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों की रक्षा के लिए एक स्थायी समाधान है।