ईडी द्वारा व्यवसायी और राहुल के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को तलब करने और हरियाणा भूमि सौदे से जुड़े 2008 के धन शोधन मामले में उनका बयान दर्ज करने के कुछ घंटों बाद आरोप पत्र दायर किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपपत्र दाखिल किया। परिवार के खिलाफ इस तरह की यह पहली कार्रवाई है, जिसके बाद पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर “प्रतिशोध की राजनीति” और “धमकी” देने का आरोप लगाया है। यह घटनाक्रम एजेंसी द्वारा कांग्रेस द्वारा नियंत्रित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में कुर्क की गई 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने के लिए नोटिस दिए जाने के तीन दिन बाद हुआ है। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती है। आरोपपत्र ईडी द्वारा व्यवसायी और राहुल के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा भूमि सौदे से जुड़े 2008 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किए जाने और उनका बयान दर्ज किए जाने के कुछ घंटों बाद दाखिल किया गया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, “नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा पहने हुए राज्य प्रायोजित अपराध है। श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा बदले की राजनीति और धमकाने के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस और उसके नेतृत्व को चुप नहीं कराया जा सकेगा, सत्यमेव जयते।”
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा और कुछ अन्य लोगों के भी नाम हैं। अदालत ने अभी तक आरोपपत्र पर संज्ञान नहीं लिया है और मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। न्यायाधीश ने कहा, “अभियोजन पक्ष की वर्तमान शिकायत पर संज्ञान के पहलू पर अगली बार 25 अप्रैल को इस अदालत में विचार किया जाएगा, जब ईडी और आईओ (जांच अधिकारी) के विशेष वकील अदालत के अवलोकन के लिए केस डायरी का उत्पादन भी सुनिश्चित करेंगे।”