शीर्ष अदालत ने पिछले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश द्वारा जारी किए गए ऐसे ही निर्देशों पर रोक लगा दी थी, जिनमें कांवड़ यात्रा मार्गों पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (15 जुलाई, 2025) को उत्तर प्रदेश सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करने के राज्य के निर्देश को चुनौती दी गई थी। क्यूआर कोड से भोजनालयों के मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता है।
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और शिक्षाविद अपूर्वानंद झा व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 22 जुलाई के लिए स्थगित कर दी।