केरल राज्य ने बताया कि न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला द्वारा 8 अप्रैल को लिखे गए तमिलनाडु राज्यपाल मामले के फैसले में मई में राष्ट्रपति संदर्भ में उठाए गए प्रश्नों का विस्तार से समाधान किया जा चुका है।
केरल राज्य ने सोमवार (28 जुलाई, 2025) को सर्वोच्च न्यायालय से राष्ट्रपति संदर्भ को खारिज करने का आग्रह किया और इस बात पर स्पष्टता मांगी कि क्या न्यायपालिका राष्ट्रपति और राज्य के राज्यपालों के लिए राज्य विधेयकों को मंजूरी देने की समय-सीमा तय कर सकती है। राज्य ने कहा कि यह तमिलनाडु राज्यपाल मामले में सर्वोच्च न्यायालय को अपने ही आधिकारिक फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए मजबूर करने का एक प्रयास है।
राज्य ने कहा कि संविधान सर्वोच्च न्यायालय को अपने ही फैसलों के खिलाफ अपील करने की अनुमति नहीं देता है, न ही राष्ट्रपति राष्ट्रपति संदर्भ के माध्यम से न्यायालय को अपीलीय अधिकार प्रदान कर सकते हैं। राज्य ने कहा कि संदर्भ “भ्रामक” है और “तथ्यों को दबाता है”।